क्या लोगों ने अपने दिमाग को robot जैसा बना लिया है जिसे कोई भी instructions दिए जा सकते हैं?

Humanoid


➤जब भी हम अपने चारों ओर देखते हैं तो हमें सभी चीज़ें अपने किसी खास मकसद को पूरा करते हुए दिखते हैं। कुछ तो सदियों से चली आ रही परंपरा के वशीभूत होते हैं जो कुछ गलत सोच के वशीभूत अपने आपको देख नहीं पाते हैं।
Lady robo

➭हम देख रहे हैं कि लोग किसी विशेष विचारधारा के अधीन उनके गुलाम हुए पड़े हैं और कमाल की बात तो यह है कि उन्हें खुद पता नहीं कि वह क्या कर रहे हैं?
इससे स्पष्ट होता है कि लोग ‘zombie' होते जा रहे हैं। zombie का मतलब वह नहीं है जो फिल्मों में दिखाया जाता है। इसका मतलब यह है कि ‘लोगों पर किसी और का control है। उन्हें कोई और control  करता है और यह control करने वाला सजीव भी हो सकता है और निर्जीव भी।
Zombie

➱यह सभी चीजें मनुष्य के दिमाग को ऐसा बना देती हैं जिससे वह अच्छे और बुरे में फर्क नहीं कर पाता है। उसका दिमाग एक कोरे कागज़ की तरह हो जाता है जिसपर कुछ भी लिखा जा सकता है। यहां पर मैं आपको कुछ ऐसी ही चीजें बताऊंगा जो मनुष्य को zombie बना रही हैं।

स्कूलों में।

Class room

➤स्कूलों में बच्चों को ऐसा बना दिया गया है कि उन्हें life एक रेस लगनें लगती है। उन्हें बताया जाता है कि नंबर ही सब कुछ होता है और अगर किसी बच्चे का नंबर कम आता है तो उसे यह महसूस कराया जाता है कि वह life में कुछ भी नहीं कर सकता है।
Class

➯अगर कोई बच्चा इन सभी चीजो से ऊपर उठकर कुछ अलग करने की कोशिश करता है या सोचता है तो उसे चुप करा देते हैं और कहते हैं कि ‘सिर्फ जितना कहा जा रहा है उतना ही करो।'
और वो भी उसी रेस में भागनें लगता हैं। जैसा कि 3 idiot movie में बताया गया है।

धर्म के नाम पर लोगों को भड़काना।

Religious book

➤आजकल religion का दबदबा लोगों पर सबसे ज्यादा है। लोग इसके असली मतलब को नहीं समझ पाते हैं और कुछ धर्म-शास्त्री religion को अपने नजरिए से लोगों को बताते हैं और लोग इसपर यकीन भी कर लेते हैं। बिना सोचे समझे कि वह गलत भी हो सकता है।
“यहाँ पर धर्म का सही अर्थ यह है कि जो व्यवहार हम दूसरों से चाहते हैं, वही व्यवहार हम दूसरों के साथ भी करें।"
A boy reading bible


➯बच्चों को (चाहे वह किसी भी धर्म का हो) बचपन से ही धर्म के नाम पर गलत बातें रटा दी जाती हैं, जिससे वह सच्चाई को समझ नहीं पाता है। फिर वह भी उसी भीड़ का हिस्सा बन जाता है।

➯आतंकवादियों की बात की जाए तो इनमें भी “इस्लाम को सही तरह से ना समझ पाने की ना-समझी है।" वह जन्नत जाने की लालसा में लोगों का कत्ल करते हैं जबकि सही नजरियों से देखा जाए तो जन्नत यही पर है जहां पर हम रहते हैं।
Terrorist

पर इन्हें कौन समझाए? एक गलत अवधारणा के कारण यह सभी धर्म पुस्तकें ही लोगों को वहेशी बना रही हैं और लोगों को अपने वश में कर रहे हैं।

➯“आज जितने भी दंगे होते हैं क्या वे इन्हीं सब कारणों से नहीं होते हैं? इन सभी दंगों में लोगों को religion के नाम पर भड़काया जाता है।"
Conflict mind

➯मनुष्य इस ब्रम्हाण्ड में सबसे अद्भुत और बुद्धिमान जीव है। जिसे यह अहोदा उसके जटिल दिमाग के कारण मिला है।
पर ऐसे दिमाग होने का क्या फायदा जब इंसान यह समझ ही ना पाए कि उसके लिए क्या सही है और क्या गलत? उसे ऐसे किसी भी तरह के झांसे में नहीं पड़ना चाहिए जो उसके दिमाग को control करे।

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